सरायमीर : लॉक डाउन के कारण मदरसा इस्लामिया अरबिया बैतुल उलूम ने कई शिक्षकों को किया बर्खास्त

सरायमीर (असबाक़): स्थानीय समाचार वेबसाइट हौसला न्यूज़ के अनुसार सरायमीर स्थित मदरसा इस्लामिया अरबिया बैतुल उलूम से कई शिक्षकों को निकाल दिया गया है।
इसका कारण लॉकडाउन से होने वाली वित्तीय कठिनाइयों को बताया जा रहा  है। कुछ शिक्षकों से आधे और कुछ से 75 फीसदी वेतन पर ही उनकी सेवा ली जा रही है।
बर्खास्त किए गए शिक्षकों का आरोप है कि ईद के बाद बिना किसी पूर्व सूचना के ए कह दिया गया कि मदरसे को वर्तमान में उनकी आवश्यकता नहीं है और लॉकड खत्म होने के बाद जरूरत पड़ने पर उन्हें बुलाया जाएगा।
फोटो हौसला न्यूज़

रिपोर्ट के अनुसार मदरसे में कुल शिक्षकों को तीन वर्गों ए, बी और सी में विभाजित किया गया है।
ग्रेड ए में वे शिक्षक हैं जिनकी सेवा के लिए मदरसा 75% वेतन देगा, जबकि बी ग्रेड शिक्षकों को आधे वेतन का भुगतान किया जाएगा और सी ग्रेड शिक्षकों को कहा गया है कि वर्तमान में उनकी जरूरत नहीं है भविष्य में जरूरत पड़ने पर सूचित किया जाएगा।
यह भी सूचना मिली है कि बी-ग्रेड शिक्षकों को कम से कम उतना ही चंदा करना होगा जितना कि उनका वेतन है। सी ग्रेड में शामिल शिक्षकों ने नाम न लिखने की शर्त पर हौसला न्यूज़ को बताया कि कई शिक्षक दस से पंद्रह साल से मदरसे में सेवा दे रहे थे और मदरसे ने तालाबंदी के बहाने उन्हें बाहर निकाल दिया। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई लॉकडाउन और वित्तीय कठिनाइयों के कारण नहीं है बल्कि मदरसा के नाजिम की पुराने शिक्षकों को निकालने की नीति का परिणाम है।
हौसला न्यूज़ ने इस संबंध में नाज़िम-ए-आला मौलाना अहमदुल्लाह से संपर्क किया और उन्होंने फोन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
20 वर्षों तक अरबी कक्षा में सेवा देने वाले एक शिक्षक ने हौसला न्यूज़ को बताया कि उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा मदरसे में गुज़ार दिया लेकिन अपने जीवन के इस पड़ाव में उन्हें बिना किसी कारण के बर्खास्त कर दिया गया और अब उनके आगे आर्थिक समस्याएं हैं। अन्य शिक्षकों के बारे में भी इसी तरह की रिपोर्ट मिली है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 1339 हिजरी में स्थापित मदरसा बैत-उल-उलूम आजमगढ़ के क़स्बा सराय मीर में एक महत्वपूर्ण धार्मिक संस्थान है। यहाँ प्रारंभिक और हिफ़्ज़ से लेकर आलमियत, फ़ज़ीलत और इफ़ता तक की शिक्षा दी जाती है ।



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