आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 10 अगस्त को महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के नालासोपारा इलाक़े में एक घर से आठ देसी बम बरामद किए थे. इस मामले में वैभव राउत को गिरफ़्तार किया गया था.
मुंबई: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा घर में बम और विस्फोटक सामान रखने के आरोप में गिरफ़्तार वैभव राउत के समर्थन में कुछ लोगों ने शुक्रवार को रैली निकाली और महाराष्ट्र एटीएस के खिलाफ नारेबाजी की.
एटीएस ने 10 अगस्त को महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के नालासोपारा इलाक़े में एक घर से आठ देसी बम बरामद किए थे. एटीएस ने इस मामले में वैभव राउत को गिरफ़्तार किया था, जो कथित रूप से दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था का समर्थक है. विस्फोटक के अलावा कुछ किताबें भी बरामद हुई थीं.
बताया जा रहा है कि स्थानीय दक्षिणपंथी संगठनों ने 17 अगस्त को वैभव राउत की गिरफ़्तारी के विरोध में रैली निकाली और रिहा करने की मांग की.
एक एटीएस अधिकारी ने बताया कि कुछ स्थानीय हिंदू संगठनों ने मिलकर ये रैली निकाली थी. दो हजार से ज्यादा लोग इस रैली में शामिल थे. अधिकारी ने बताया कि सोपारा गांव से लेकर नालासोपारा रेलवे स्टेशन तक ये मार्च निकाला गया था.
वैभव राउत कथित तौर पर नलसोपारा में गाय संरक्षण संगठन चलाता था. राउत को शरद कलास्कर और सुधानव गोंडलेकर के साथ गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि ये तीनों स्वतंत्रता दिवस और बकरीद त्योहार से पहले राज्य में विस्फोट करने की योजना बना रहे थे.
इस दौरान एटीएस ने कहा था कि अगर नरेन्द्र दाभोलकर, गोविंद पंसारे और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं के साथ इनका कोई भी संबंध होगा तो इसकी जांच की जाएगी.
बता दें कि सनातन संस्था से संबंधित लोगों को वाशी, ठाणे, पनवेल (2007) और गोवा (2009) ब्लास्ट में गिरफ़्तार किया जा चुका है.
प्रगतिशील लेखक और विचारक नरेंद्र दाभोलकर (2013), गोविंद पानसरे और एमएम कलबुर्गी (2015) और वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं में सनातन संस्था से संबंधित लोगों का नाम सामने आया है.
Explosives and Bombs found in the house of Sansthan Sanstha member in Nalasopara.
— Unofficial Sususwamy (@swamv39) 17 August 2018
Today, Supporters of Vaibhav Raut protest against Mumbai ATS. #NewIndia pic.twitter.com/wVdoNDaDoE
तीनों आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाई गई
विस्फोट बरामद होने के मामले में वैभव राउत, शरद कलास्कर और सुधानव गोंडलेकर की पुलिस हिरासत को 28 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है. महाराष्ट्र एटीएस ने वैभव राउत (40) को मुम्बई के नालासोपारा से, शरद कलास्कर (25) को पालघर जिले से और सुधानव गोंडलेकर (39) को पुणे से को गिरफ्तार किया गया था.
आरोपियों की पुलिस रिमांड की अवधि आज समाप्त हो गई थी और उन्हें जस्टिस विनोद पडाल्कर के सामने पेश किया गया था. एटीएस ने अदालत को बताया कि सोलापुर जिले के नतेपुते गांव से प्रसाद देशपांडे नामक एक व्यक्ति के घर से कुछ पत्रों के साथ हथियार और विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए थे.
इसके अलावा एटीएस ने आरोपियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर नालासोपारा और पुणे से विस्फोटक और हथियार एवं गोला बारूद, कुछ दस्तावेज, पत्र और चिट बरामद किया था, एटीएस ने कहा कि इन पत्रों, चिटों, दस्तावेजों, मोबाइल फोन संदेशों, एक लैपटॉप का डाटा, हार्ड डिस्क में कोड वर्ड और कोड भाषा में हैं जिसे एटीएस समझना चाहती है.
एटीएस ने कहा कि आरोपियों ने जब्त किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और हार्ड डिस्क से कुछ डाटा हटा दिए हैं जिसे एटीएस वापस हासिल करना चाहती है. हालांकि बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि आरोपियों को एटीएस की हिरासत में दिए जाने की और जरूरत नहीं है क्योंकि ज़ब्त सबूत की जांच करना फॉरेंसिक विशेषज्ञों का काम है.
एटीएस ने आरोपियों की हिरासत की अवधि 15 दिन तक बढ़ाने की मांग की थी लेकिन अदालत ने आरोपियों की पुलिस रिमांड को 28 अगस्त तक ही बढ़ाया.
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