तालाबंदी के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों और प्रवासियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए गए हैं। अपने अपने राज्य में लौटने के इच्छुक लोग वहां जाकर पंजीकरण करा सकते हैं।
नई दिल्ली: लगातार बढ़ रहे वायरस संक्रमण के कारण देश भर में जारी तालाबंदी की वजह से सब से जादा परेशानी रोज़ मजदूरी कर के अपना घर चलाने वालों को हो रही है। भोजन, पानी और दवा सहित विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मजदूरों और शरणार्थियों के उनके घर पहुंचाने की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक सलाह जारी की जिसमें कहा गया कि लॉकडाउन में फंसे लोगों को विशेष ट्रेनों द्वारा उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं और श्रमिकों, छात्रों, आदि को अपने राज्य में पहुंचाने का मंसूबा बनाया गया है । कुछ राज्यों में फंसे हुए लोगों को ट्रेनों द्वारा उनके राज्यों में पहुंचाया जा चुका है। । रेलवे ने अपने दिशानिर्देश में कहा है कि भेजने वाले और आने वाले दोनों राज्य एक-दूसरे के साथ सलाह मशवेरा करके यात्रियों की सूची तैयार करके रेलवे को सौंपेंगे। इसके आधार पर रेलवे उस राज्य में लोगों को पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेनें भेजेगी।
इस संबंध में विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोगों से कहा गया है कि जो भी तालाबंदी में फंसे हैं वो अपना पंजीकृत कराएं। ताकि उनको उनके राज्य में पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। विभिन्न राज्यों ने इस संबंध में कुछ ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किए हैं। अपने राज्यों में लौटने के इच्छुक लोग वहां जाकर पंजीकरण करा सकते हैं।
हालांकि, पिछले रविवार को गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा, जिसमें स्पष्ट किया गया कि केवल जो लोग लॉकडाउन के कारण किसी तरह से फंसे हैं, उन्हें ही ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति है। जो लोग अपने स्थान पर रह रहे हैं उन लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
इसलिए जो कोई भी इन पोर्टलों के माध्यम से पंजीकरण कराए उसे इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। यहां हम आपको विभिन्न राज्यों के ट्रेनों द्वारा यात्रा के लिए जारी किए गए पोर्टल का लिंक दे रहे हैं। आप उस पर क्लिक करके पंजीकरण कर सकते हैं और इन वेबसाइटों पर उपलब्ध कराए गए हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से मदद मांग सकते हैं।
यदि आप गुजरात में फंस गए हैं, तो इस लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण करें
यदि आप पंजाब में हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप महाराष्ट्र में फंस गए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप राजस्थान में अटके हुए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप हिमाचल प्रदेश में फंस गए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप तमिलनाडु में अटके हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप हरियाणा में फंस गए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप कर्नाटक में फंस गए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
अगर आप उत्तराखंड में फंस गए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप उड़ीसा में फंस गए हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
यदि आप मध्य प्रदेश में अटके हैं, तो पंजीकरण करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
इसके अलावा, कुछ राज्यों ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जो उनके ट्विटर हैंडल और सरकारी वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं। अधिकांश शरणार्थी बिहार के है जो विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं। इस संबंध में, राज्य की नीतीश सरकार की आलोचना की जा रही है कि वह संवेदनशील नहीं है और श्रमिकों को वापस लाने में गंभीरता नहीं दिखा रही है।
राज्य सरकार ने पहले कुछ नोडल अधिकारियों के मोबाइल नंबर जारी किए थे, लेकिन विभिन्न जगहों से यह शिकायतें आईं कि इन नंबरों पर या तो कोई फोन नहीं उठा रहा या इन नंबरों को बंद कर दिया गया है। जेडीयू की सहयोगी भाजपा की राज्य इकाई ने भी इसकी आलोचना की है। राज्य सरकार ने बाद में कुछ नए हेल्पलाइन नंबर जारी किए, जो नीचे दिए गए हैं।
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