मगरिब की नमाज़ के बाद जादातर जगहों से चाँद न निकालने की ख़बरें आईं और आसमान पर भी बादल और धुल मिटटी की ख़बरें थीं इस वजह से चाँद निकालने की कोई पक्की खबर जिस पर भारूसा किया जा सके हासिल नहीं होसकी।
और दोसरी बैठक रात 10:30 बजे मेहमान खाना में होई इस में गुजरात के कई इलाके से चाँद देखे जाने की खबर मिली जिन पर कमेटी के लोगों ने गौर किया।
सोबूत रूयत के लिए वाजिब तरीका होना ज़रूरी है यानि की चाँद देखे जाने की गवाही ज़रूरी है या किसी दर्जे में खबर सही हो इस पर यकीन का पाया जाना ज़रूरी है और यहाँ इन चीज़ों में से कोई भी चीज़ नहीं पाई गई इस लिए हिलाल कमेटी ने चाँद न देखे जाने का फैसल किया।
हज़रत मौलना अबुल कासिम साहब मोहतमिम दारुल उलूम की आवाज़ चाँद न निकालने की खबर देते होए :
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