कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुष्कर्म?
अप्रैल महीने में मुख्यधारा के मीडिया संगठनों के गलत तरीके से रिपोर्ट करने और सोशल मीडिया पर उत्तेजक संदेशों के माध्यम से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयासों के अलावा कठुआ रेप और हत्या मामले से लेकर 2 अप्रैल को भारत बंद पर कई झूठी ख़बरें फैलाई गई।.
1. दैनिक जागरण ने पहले पन्ने पर कठुआ मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के विपरीत खबर छापी
“कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुस्कर्म पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर्फ जख्मों की बात” इस हैडलाइन के साथ दैनिक जागरण समाचार पत्र ने 20 अप्रैल को पहले पन्ने पर यह खबर छापी। इस लेख में दावा किया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहीं भी दुष्कर्म का जिक्र नहीं है। इसमें कहा गया कि पीड़िता को लगे चोटों के अन्य कारण हो सकते हैं। यह रिपोर्ट दैनिक जागरण के नई दिल्ली, आगरा, इलाहाबाद, अमृतसर, अलीगढ़, कथुआ और जम्मू संस्करण में पहले पन्ने पर था। नई दुनिया, जो दैनिक जागरण समूह का हिस्सा है, इसने भी इस लेख को प्रकाशित किया।
ऑल्ट न्यूज़ ने डॉ. जयदीप सरकार से संपर्क किया, जो फोरेंसिक एक्सपर्ट हैं। उन्होंने यह पुष्टि की कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के निष्कर्ष यह बताते हैं:
1. रिपोर्ट में बताई गई चोटें पीड़िता के यौन अंगों में असहमतिपूर्ण/जबरन क्रिया के अनुरूप प्रतीत होती है।
2. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को इस मामले के सभी अन्य तथ्यों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए (अपहरण, पीड़िता को नशीला पदार्थ देना, हत्या, आरोपियों द्वारा स्वीकारोक्ति आदि)
3. दो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर आधारित जानकारी यौन हिंसा की संभावना की ओर इशारा करती है।
दैनिक जागरण के इस दावे को जम्मू-कश्मीर पुलिस नकार दिया, उन्होंने यह स्पष्टीकरण जारी करते हुए एक ट्वीट किया कि इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि आरोपियों द्वारा पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया गया था।
Press release....Case FIR No 10/2018 dated 12.01.2018 Police Station Hiranagar Kathua. pic.twitter.com/ek2IsXDpsa
— J&K Police (@JmuKmrPolice) April 21, 2018
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